बागवानी हमारे जीवन में अत्यंत उपयोगी व आवश्यक है।दौढ़- धूप की जिंदगी मे हम उसका महत्व ही भूलते जा रहे हैं। चार-पाई कमाने के चक्कर में इंसान कब बूढ़ा हो जाता है पता ही नहीं चलता। बच्चे बूढ़े सभी के स्वास्थय पर उसका प्रभाव दिखाई पढ़ता है। हमारी प्रकृति के पास हर बिमारी को ठीक करने की औषधिय वनस्पतियां है।आवश्यकता है जाग्रत होने की---बागवानी के महत्व को समझने की।
1.तुलसी---इसको धर्म के साथ जोड़ दिया गया है। कारण यही है कि तुलसी के पेड़ जहां अधिक होते हैं वहां हवा शुद्ध व पवित्र होती है, air purifier लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। तुलसी एक अद्भुत औषधि है। हिन्दुओं के प्रतेक शुभ काम में भगवान के प्रसाद में तुलसी का प्रयोग करते हैं। इस से मलेरिरया के कीटाणु का नाश होता है। तुलसी के पास बैठ प्राणायम करने से बल वृधि व ओज की वृधि होती है। प्रातःकाल खाली पेट तुलसी का रस और पानी लिया जाये तो स्मरण शक्ति मे वृद्धि होती है ।तुलसी के पत्ते नित्य खाने से मुंह की दुर्गन्ध दूर हो जाती है। तुलसी के पत्ते की चाय पीने से वात पित विकार दूर होते हैं ,आलस नहीं आता।तुलसी रक्त वधर्क एवं सौदर्य वधर्क है।तुलसी का सेवन करने से गुर्दे (किडनी) की कार्यक्षमता बढती है। ज्वर खांसी व सांस के रोग ,तुलसी5 ग्राम, अदरक 3 ग्राम और शहद 1 चम्मच लेने से ठीक हो जाते हैं। ह्रदय रोग मे भी आश्चर्य जनक लाभ करती है। मधुमेह मे अगर दवा खा रहे हैं तो दवा की मात्रा धीरे-धीरे कम कर दे और साथ मे नित्य प्रात तुलसी के हरे पत्ते का 5 बूंद रस या तुलसी के छाया में सूखे 30-35 पत्ते दही के मठठे में मसल कर सुबह शाम लेने से आराम मिलता है। यही नहीं, उसकी मिट्टी में भी कीटाणु नाशक गुण हैं।इसे गमले में लगा कर सुबह उठ सूर्य उदय होते ही जल दीजिये। फिर क्या धर्म-करम दोनो का ही लाभ उठायें। एक बार लगाये और आजमाये।
2.आवंला--- प्रकृति का अनमोल उपहार है। आंवले में सारे रोग दूर करने की शक्ति है।आंवला युवकों को यौवन, बूढ़ों को युवाओं जैसी शक्ति प्रदान करता है। Vitamin C से भरपूर है।मनुष्य को 50mg Vitamin C की आवश्यकता होती है जो कि 1.6 ओस आंवले के रस से मिल जाता है। इसकी चटनी का नाम सुनते ही जिसको भूख न लगती हो,उसके मुंह में भी पानी आ जाता है। चटनी ही नहीं, अचार,मुरबबे आदि भी बना सकते हैं। आखों की रोशनी बढ़ती है। 200gm पानी में सूखे आंवला भिगो दे।सुबह छान कर उस पानी से आँखे धोये---सब रोग दूर।पिसा आंवला गाय के दूध के साथ लेने से हृदय रोग दूर।आंवला शक्ति वर्धक है----पिसा आंवला 1चम्मच, 1चम्मच शहद में मिलाकर ले,स्वास्थय अच्छा रहता है। नाक में आंवला का रस टपकाने से नकसीर दूर। दाँतो में चमक आती है, मस्तिष्क के तंतुओं में तरावट ,B.P में लाभ।बस एक बार अपने घर के सामने या पीछे, थोड़ी सी जगह में पेड़ लगा दीजिये ,फिर क्या सालों साल सेवा में खडा रहेगा और आगे के स्वास्थय का ध्यान रखेगा ।आप ही सोचें,क्या घाटे का सौदा है या life insurance बागवानी!
3.नीबू---आवले की तरह नींबू का भी पेड़ बस थोड़ी सी जगह पर लगाये,फिर क्या विटामिन C से भरपूर सस्ता सुलभ फल मिलता रहेगा।नींबू स्वास्थय वर्धक,सौंदर्य वर्धक तथा स्वाद वर्धक है।हृदय को स्वस्थ,पेट को साफ तथा युरिक ऐसिड को भी कण्ट्रोल में रखता है।पेट के रोगों के लिये राम बाण है----जैसे पेट का अफारा ,जलन,खट्टी डकार,गैस,जी मिचलाना,उल्टी इत्यादि।नींबू का रस काली मिर्च,काला नमक मिला कर पीए।नींबू का रस भूख भी बढ़ाता है।लू लग जाये तो प्याज़ और पुदीने के रस में नींबू निचोड़ कर पीए।पसीना अधिक आता हो तो नहाने के पानी में नींबू निचोड़ कर स्नान करने से पसीने की दुर्गंध नहीं आयेगी।त्वचा कान्तिमय बनती है।उबलते पानी में नींबू निचोड़ कर पीने से नयी शक्ति अनुभव होती है।मोटापा कम होता है।दिल की घबराहट,छाती की जलन होने पर ठन्डे पानी में नींबू निचोड़ कर पीए।यहकहना गलत ना होगा कि नींबू एक ,गुण अनेक।
4.टमाटर-----टमाटर को गमले में भी लगा सकते हैं।भोजन से पहले 2/3 पक्के टमाटर काली मिर्च,सेंधा नमक और हरा धनिया मिलाकर खाये।इससे चेहरे पर लाली आती है।पौरष शक्ति बढ़ती है।diabetes एवम दिल के रोगों में भी उपयोगी होता है।बराबर टमाटर खाने वालों को कैंसर रोग होगा ही नहीं।टमाटर खाने से पेट साफ और मोटापा कण्ट्रोल होता है।गैस की शिकायत दूर होती है।चेहरे की झुर्रियों को मिटाने के लिए टमाटर के गूदे में शहद मिलाकर facepack लगायें।इसमे विटामिन A है जो आंखों के लिए लाभकारी होता है।
4.पपीता----पपीता बारह महीने वाला फल है।थोड़ी सी जगह में लग जाता है।पपीते में calcium सेब से दुगना,विटामिन c 13 times ,केले से 7 times,तरबूज़ से 7 time ,चेरी से 8 time ज़्यादा हैं।कच्चे पपीते की सब्जी और अन्य व्यंजन बन सकते हैं।पपीते के पत्ते डेंगू रोग में बहुत लाभकारी हैं----platelets बढ़ाते हैं।कैंसर में तीसरी/चौथी स्टेज में भी पांच हफ्ते पपीते के पत्तों की बना कर,तीन महीने पीने से असर दिखने लग जाता है 10 प्रकार की कैंसर को खत्म कर सकता है।
5.बाजरा---हड्डियों के लिए राम बाण है बाजरा।calcium की कमी से होने वाले रोग osteoporosis ,खून की कमी (अनेमीया)नहीं होगा।बाजरा गेहूं से ज़्यादा उर्जा देता है।यह iron से भरपूर है।लिवर की सुरक्षा,blood pressure,दिल---सबके लिए सबसे उत्तम अनाज है बाजरा।
6.हल्दी----पानी में हल्दी मिलाकर पीने से अनेक फायदे हैं।यह कह सकते हैं कि हल्दी एक तरह की अचूक औषधि है।दिमाग तेज होता है,खून की गंदगी साफ होती है।यह लिवर,हार्ट की समस्या में भी लाभकारी है।खून गाड़ा होने से भी बचाती है ।हल्दी,शहद,नींबू पानी में मिलाकर लेने से विशेष पधार्त बाहर निकल जाते हैं।सूजन व दर्द ठीक होता है।सौंदर्य बढ़ता है।कैंसर से भी बचे रहेंगे।
7.करेला---गरम पानी में डाल कर पीने से cyst और tumour खत्म हो जाते हैं।कैंसर खत्म।
छोटे छोटे घरों में भी छोटी-छोटी वाटिका लगा सकते हैं।धनिया,पोदीना,लहसुन,मेथी,आदि बाज़ार से खरीदनी नहीं पड़ेगी।यह ऑर्गेनिक भी होगी।स्वयं फल सब्ज़ी उगाने से मन भी आनंदित हो जाता है ।शरीर में एक अलग ही ऊर्जा बनने लगती है,जिसके परिणामस्वरूप रोग हमसे कोसों दूर चले जाते हैं।मानसिक तनाव कम होता है।हम दवाओं के खर्चे,दुष्परिणाम से बच सकते हैं(डॉक्टर,अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे)।यह तभी संभव होगा जब हम बागवानी के मह्त्व को समझेंगे कि इस का सीधा संबंध हमारे स्वास्थय के साथ है।प्रकृति के पास हमे निरोगी रखने का अनमोल उपहार है----जैसे एक businessman लाभ मिलने पर आगे आगे बढ़ता है उसी तरह बागवानी के लाभ को जब हम समझेंगे तब स्वयं ही दो कदम आगे रखेंगे ।स्वयं भी स्वस्थ होंगें तथा आसपास के व्यक्तियों को भी समझा बुझा सकेंगे।तो देर क्यों,आज ही अपनी जगह का सदुपयोग करना आरंभ करें।फलस्वरुप हमें ऑर्गेनिक फल सब्जियां,स्वास्थ मिलेगा जो पैसे से नहीं मिल सकता।